Headline
गर्मी का बढ़ेगा असर, मानसून से पहले राहत की उम्मीद नहीं
गर्मी का बढ़ेगा असर, मानसून से पहले राहत की उम्मीद नहीं
युवाओं में तेजी से बढ़ रही बीमारियां
युवाओं में तेजी से बढ़ रही बीमारियां
गुरु तेग बहादुर की 350वीं पुण्यतिथि पर भावपूर्ण नाटक प्रस्तुत, युवाओं को दिया प्रेरणा संदेश
गुरु तेग बहादुर की 350वीं पुण्यतिथि पर भावपूर्ण नाटक प्रस्तुत, युवाओं को दिया प्रेरणा संदेश
ऋषिकेश हाईवे पर बड़ा हादसा, तेज रफ्तार और गलत दिशा बनी हादसे की वजह
ऋषिकेश हाईवे पर बड़ा हादसा, तेज रफ्तार और गलत दिशा बनी हादसे की वजह
कोलंबिया में राष्ट्रपति पद के प्रमुख दावेदार मिगुएल उरीबे पर जानलेवा हमला, देश में छाया राजनीतिक संकट
कोलंबिया में राष्ट्रपति पद के प्रमुख दावेदार मिगुएल उरीबे पर जानलेवा हमला, देश में छाया राजनीतिक संकट
सीएम धामी ने किया 126 करोड़ की 27 विकास योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास
सीएम धामी ने किया 126 करोड़ की 27 विकास योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास
भारत ने आतंकवाद पर अपनाया कड़ा रुख- डॉ. एस. जयशंकर
भारत ने आतंकवाद पर अपनाया कड़ा रुख- डॉ. एस. जयशंकर
रुद्रप्रयाग में बड़ा हादसा टला, हेलीकॉप्टर में आई तकनीकी खराबी, सड़क पर करवाई इमरजेंसी लैंडिंग
रुद्रप्रयाग में बड़ा हादसा टला, हेलीकॉप्टर में आई तकनीकी खराबी, सड़क पर करवाई इमरजेंसी लैंडिंग
राहुल गांधी का भाजपा पर बड़ा हमला, महाराष्ट्र चुनाव को बताया ‘मैच फिक्सिंग’
राहुल गांधी का भाजपा पर बड़ा हमला, महाराष्ट्र चुनाव को बताया ‘मैच फिक्सिंग’

तलाकशुदा मुस्लिम महिला भी सीआरपीसी के तहत अपने पूर्व पति से मांग सकेंगी गुजारा भत्ता, जानें क्या है CRPC की धारा 125

तलाकशुदा मुस्लिम महिला भी सीआरपीसी के तहत अपने पूर्व पति से मांग सकेंगी गुजारा भत्ता, जानें क्या है CRPC की धारा 125

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम महिलाओं के हित में बड़ा फैसला सुनाया है. इसके तहत अब मुस्लिम महिलाएं भी अपने पति के खिलाफ सीआरपीसी की धारा-125 के तहत अपने भरण-पोषण के लिए याचिका दायर कर पाएंगी. देश के सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले से उन मुस्लिम महिलाओं को बड़ी सहायता मिलेगी जिनका तालक हो चुका है और जो अकेले रहने के लिए मजबूर हैं.

बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की बेंच ने तेलंगाना के मुस्लिम व्यक्ति की याचिका को खारिज करते हुए ये फैसला लिया और कहा कि CrPC की धारा 125 देश की सभी महिलाओं के लिए लागू होती है, चाहे वे किसी भी धर्म से क्यों न हो. आपको बता दें कि तेलंगाना के एक व्यक्ति ने सीआरपीसी की धारा 125 में तलाकशुदा पत्नी को भरण-पोषण दिए जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में आगे कहा गया कि अब मुस्लिम महिलाएं भी धारा 125 के तहत अपने भरण-पोषण के लिए गुजारा भत्ते की मांग कर सकेंगी.

CRPC की धारा 125 क्या कहती है?
CRPC की धारा 125 के उन लोगों को अधिकार प्रदान करती है जो कि खुद का भरण-पोषण करने में सक्षम नहीं हैं. इस धारा में पत्नियों, बच्चों और माता-पिता को अपने भरण-पोषण के लिए गुजारा भत्ता लेने के लिए अधिकार प्राप्त हैं. इस धारा के मुताबिक वो महिला जिसे उसके पति ने तलाक दे दिया है या फिर किसी वजह से महिला ने तलाक लिया है और वो फिर से शादी नहीं करती तो उसको अधिकार है कि वो अपने पूर्व पति से गुजारा भत्ता ले सकती है.

क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने?
सुप्रीम कोर्ट इस फैसले को सुनाते हुए कहा कि CrPC की धारा 125 हर तरह से धर्मनिरपेक्ष है. चाहें कोई पति-पत्नी हिंदू हों या मुस्लिम, ईसाई हों या पारसी, ये प्रावधान सभी पर लागू हो सकता है. जिसमें ये माना गया कि मुस्लिम तलाकशुदा महिला CrPC की धारा 125 के तहत अपना भरण-पोषण मांगने की हकदार है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top