Headline
संकट और आपदा के वक्त मिलेगी तुरंत आर्थिक मदद- रेखा आर्या
संकट और आपदा के वक्त मिलेगी तुरंत आर्थिक मदद- रेखा आर्या
ऋषिकेश की नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता व उनके परिजनों से मिली महिला आयोग की अध्यक्ष
ऋषिकेश की नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता व उनके परिजनों से मिली महिला आयोग की अध्यक्ष
धामी कैबिनेट की बैठक में इन 6 प्रस्तावों पर लगी मुहर
धामी कैबिनेट की बैठक में इन 6 प्रस्तावों पर लगी मुहर
पीएम मोदी की विदेश से लौटे प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद गरमाई सियासत, कांग्रेस ने उठाए कड़े सवाल
पीएम मोदी की विदेश से लौटे प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद गरमाई सियासत, कांग्रेस ने उठाए कड़े सवाल
मंत्री गणेश जोशी ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से की मुलाकात
मंत्री गणेश जोशी ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से की मुलाकात
रुद्रप्रयाग में वन विभाग की बड़ी कार्रवाई, आदमखोर गुलदार को किया ढेर
रुद्रप्रयाग में वन विभाग की बड़ी कार्रवाई, आदमखोर गुलदार को किया ढेर
क्या आप भी हैं सनबर्न से परेशान? तो अपनाएं ये घरेलू नुस्खे, मिलेगी राहत
क्या आप भी हैं सनबर्न से परेशान? तो अपनाएं ये घरेलू नुस्खे, मिलेगी राहत
राष्ट्रीय राजमार्ग-7 और 34 के सुधार को मिली ₹720.67 करोड़ की मंजूरी
राष्ट्रीय राजमार्ग-7 और 34 के सुधार को मिली ₹720.67 करोड़ की मंजूरी
गोल्डन कार्ड से जुड़ी समस्याएं जल्द होंगी दूर
गोल्डन कार्ड से जुड़ी समस्याएं जल्द होंगी दूर

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की उम्र में निधन 

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की उम्र में निधन 

डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर 7 दिन का राजकीय शोक किया घोषित 

भारत की अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने में रहा काफी योगदान 

नई दिल्ली। भारत के पूर्व वित्त मंत्री और दो बार प्रधानमंत्री रहे डॉ. मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। डॉ. सिंह का जन्म 26 तारीख को हुआ था। उनका निधन भी 26 तारीख को ही हुआ। डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर 7 दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है। भारत की अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने में उनका काफी योगदान था। डॉ. सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को हुआ था। वह अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत के गाह गांव में जन्मे थे। लेकिन जब देश का बंटवारा हुआ, तो उनका परिवार अमृतसर में आकर बस गया। गाह गांव अब पाकिस्तान का हिस्सा है। गाह गांव के जिस स्कूल में कभी मनमोहन पढ़ते थे, आज उसे मनमोहन सिंह गवर्नमेंट बॉयज स्कूल के नाम से जाना जाता है। अमृतसर में आने के बाद मनमोहन सिंह ने पंजाब यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की। 1952 में उन्होंने यहां से इकोनॉमिक्स में बैचलर और 1954 में मास्टर्स पूरा किया।

भारत को नई आर्थिक नीति की राह पर लाने का श्रेय डॉ. सिंह को दिया जाता है। उन्होंने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई), रुपये के अवमूल्यन, करों में कटौती और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के निजीकरण की अनुमति देकर एक नई शुरुआत की। आर्थिक सुधारों की एक व्यापक नीति की शुरुआत में उनकी भूमिका को दुनिया भर में स्वीकार किया जाता है। उनकी नीतियों ने ही भारतीय अर्थव्यवस्था को उदारीकरण, वैश्वीकरण और निजीकरण की दिशा में ले जाने का काम किया। वह 1996 तक वित्त मंत्री के तौर पर आर्थिक सुधारों को अमलीजामा पहनाते रहे।

मनमोहन सिंह को मई 2004 में देश की सेवा करने का एक और मौका मिला और इस बार वह देश के प्रधानमंत्री बने। अगले 10 वर्षों तक उन्होंने देश की आर्थिक नीतियों और सुधारों को मार्गदर्शन देने का काम किया। उनके कार्यकाल में ही 2007 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर नौ प्रतिशत के उच्चतम स्तर पर पहुंची और दुनिया की दूसरी सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बन गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top