Headline
गर्मी का बढ़ेगा असर, मानसून से पहले राहत की उम्मीद नहीं
गर्मी का बढ़ेगा असर, मानसून से पहले राहत की उम्मीद नहीं
युवाओं में तेजी से बढ़ रही बीमारियां
युवाओं में तेजी से बढ़ रही बीमारियां
गुरु तेग बहादुर की 350वीं पुण्यतिथि पर भावपूर्ण नाटक प्रस्तुत, युवाओं को दिया प्रेरणा संदेश
गुरु तेग बहादुर की 350वीं पुण्यतिथि पर भावपूर्ण नाटक प्रस्तुत, युवाओं को दिया प्रेरणा संदेश
ऋषिकेश हाईवे पर बड़ा हादसा, तेज रफ्तार और गलत दिशा बनी हादसे की वजह
ऋषिकेश हाईवे पर बड़ा हादसा, तेज रफ्तार और गलत दिशा बनी हादसे की वजह
कोलंबिया में राष्ट्रपति पद के प्रमुख दावेदार मिगुएल उरीबे पर जानलेवा हमला, देश में छाया राजनीतिक संकट
कोलंबिया में राष्ट्रपति पद के प्रमुख दावेदार मिगुएल उरीबे पर जानलेवा हमला, देश में छाया राजनीतिक संकट
सीएम धामी ने किया 126 करोड़ की 27 विकास योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास
सीएम धामी ने किया 126 करोड़ की 27 विकास योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास
भारत ने आतंकवाद पर अपनाया कड़ा रुख- डॉ. एस. जयशंकर
भारत ने आतंकवाद पर अपनाया कड़ा रुख- डॉ. एस. जयशंकर
रुद्रप्रयाग में बड़ा हादसा टला, हेलीकॉप्टर में आई तकनीकी खराबी, सड़क पर करवाई इमरजेंसी लैंडिंग
रुद्रप्रयाग में बड़ा हादसा टला, हेलीकॉप्टर में आई तकनीकी खराबी, सड़क पर करवाई इमरजेंसी लैंडिंग
राहुल गांधी का भाजपा पर बड़ा हमला, महाराष्ट्र चुनाव को बताया ‘मैच फिक्सिंग’
राहुल गांधी का भाजपा पर बड़ा हमला, महाराष्ट्र चुनाव को बताया ‘मैच फिक्सिंग’

सेल्‍फी के लिए आए दिन युवाओं की जा रही जान

सेल्‍फी के लिए आए दिन युवाओं की जा रही जान

अमन भारत
वीडियो बनाने के दौरान ऐसा लगता है कि विवेक का उपयोग करने के बजाय इस तरह की भेड़चाल में शामिल हो गए लोगों के पास सही वक्त पर फैसला लेने की क्षमता भी नहीं बचती और इसी क्रम में वे किसी जानलेवा हादसे का शिकार हो जाते हैं। अपनी दिलचस्पी या फिर खुशी के लिए कुछ अलग करने का शौक सामान्य तौर पर सकारात्मक माना जाता है। मगर इस तरह के शौक में कोई अपना विवेक या सूझ-बूझ की क्षमता ही खो दे, तो यह न सिर्फ एक बेमानी चलन की भेड़चाल में शामिल होना है, बल्कि जानलेवा जोखिम को न्योता देना भी है।

जब से स्मार्टफोन के साथ हर हाथ में कैमरा पहुंचा है, तब से काफी लोगों के भीतर एक विचित्र-सी मनोदशा का विकास होता देखा जा सकता है, जिसमें वे मौके-बेमौके बिना किसी मायने के अपनी तस्वीरें उतारते रहते हैं। इसका विस्तार सोशल मीडिया पर खुद को अभिव्यक्त करने के रूप में हुआ और हर वक्त अपनी तस्वीर या फिर वीडियो बना कर प्रसारित कर देना मानो किसी जरूरी काम की तरह देखा जाने लगा। विडंबना यह है कि इस शौक ने विवेक को जिस बुरी तरह प्रभावित किया, उसका खमियाजा केवल आपसी व्यवहारों के स्तर पर नहीं उठाना पड़ा, बल्कि इस वजह से मौत की घटनाएं भी बढ़ती गई हैं। आए दिन ऐसी खबरें आती हैं कि सोशल मीडिया पर रील के आकर्षण में वीडियो बनाने की कोशिश में हादसे का शिकार होकर किसी युवा की जान चली गई।

ये नाहक और बिना किसी कारण के होने वाली मौतें हैं, जिनके पीछे महज विवेकशून्य होकर अपने किसी शौक को पूरा करने की भूख मुख्य वजह है। हरिद्वार में बुधवार को बीस वर्ष की एक छात्रा ने रेल की पटरी पर रील बनाने की कोशिश की और उसी समय आई ट्रेन की चपेट में आ गई। उसकी जान चली गई। जिस बच्ची को अभी पढ़ाई-लिखाई करनी थी, खेलना-कूदना था और भविष्य बेहतर बनाने के सपने देखने थे, वह सिर्फ रील बनाने के शौक में मारी गई। इस तरह की घटनाओं का एक सिलसिला-सा चल पड़ा है। ऐसा लगता है कि विवेक का उपयोग करने के बजाय इस तरह की भेड़चाल में शामिल हो गए लोगों के पास सही वक्त पर फैसला लेने की क्षमता भी नहीं बचती और इसी क्रम में वे किसी जानलेवा हादसे का शिकार हो जाते हैं। आधुनिक तकनीकों की उपयोगिता हमारी जीवन-स्थितियों में गुणात्मक सुधार लाती है, लेकिन बेलगाम और गैरजरूरी तरीके से इसके इस्तेमाल में डूब जाना वक्त बर्बाद करने का जरिया बनने से लेकर जानलेवा तक साबित हो सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top